भू-तुल्यकाली उपग्रह प्रक्षेपण वाहन (जी.एस.एल.वी.)
प्रमोचक राकेट के बारे में
भूतुल्यकाली उपग्रह प्रमोचक राकेट मार्क II (जी.एस.एल.वी. मार्क II) भारत में विकसित सबसे बड़ा प्रमोचक राकेट है, जो वर्तमान में प्रचालन में है। यह चौथी पीढ़ी का प्रमोचक राकेट चार द्रव स्ट्रैप–ऑन से युक्त तीन चरणीय राकेट है। स्वदेशी रूप से विकसित क्रायोजेनिक ऊपरी चरण (सी.यू.एस.), जोकि उड़ान प्रमाणित है, जी.एस.एल.वी. मार्क II का तृतीय चरण है। जनवरी, 2014 से राकेट ने लगातार चार सफलताएं अर्जित की हैं।
वाहन की विशेषताएं
ऊंचाई | : 49.13 मी |
चरणों की संख्या | : 3 |
उत्थापन द्रव्यमान | : 414.75 टन |
पहली उड़ान | : अप्रैल 18, 2001 |

तकनीकी विवरण

भू-तुल्यकाली कक्षा को नीतभार : 2,500 कि.ग्रा.
जी.एस.एल.वी.के मुख्य नीतभार भू-तुल्यकाली कक्षा में संचालित इन्सैट श्रेणी के संचार उपग्रह हैं। अतः, इन उपग्रहों को जी.एस.एल.वी. द्वारा भू-तुल्यकाली अंतरण कक्षा में भेजा जाता है ।

निम्न पृथ्वी-कक्षा को नीतभार : 5,000 कि.ग्रा.
इसके अलावा 5 टन नीतभार निम्न पृथ्वी-कक्षा में स्थापित करने की क्षमता संपन्न जी.एस.एल.वी. भारी हों से लेकर कई छोटे उपग्रहों को प्रमोचित कर सकता है ।

तृतीय चरण : क्रायोजनिक ऊपरी चरण (सी.यू.एस.)
तरल नोदन प्रणाली केन्द्र, द्वारा क्रायोजनिक ऊपरी चरण परियोजना (सी.यू.एस.पी.) के अंतर्गत विकसित सी.ई.-7.5 भारत का पहला क्रायोजनिक इंजन है। सी.ई-7.5 इंजन में प्रज्वलन का चरणबद्ध प्रचालन चक्र होता है ।
ईंधन | :एल.ओ.एक्स. + LH2 |
अधिकतम प्रणोद | : 75 kN |
प्रज्वलन काल | : 720 से. |

द्वितीय चरण : जी.एस-2
जी.एस.एल.वी. दूसरे चरण में विकास इंजन का प्रयोग किया जाता है। यह चरण पी.एस.एल.वी. लिया गया है जहां विकास इंजन ने पी.एस-2 के रूप में अपनी विश्वसनीयता सिद्ध की है।
इंजन | : विकास |
ईंधन | : यू.डी.एम.एच. + N2O4 |
अधिकतम प्रणोद | : 800 kN |
ज्वलन काल | : 150 से. |

प्रथम चरण : जी.एस-1
जी.एस.एल.वी. प्रथम चरण भी पी.एस.एल.वी. के पी.एस.-1 से लिया गया है। इसकी 138 टन ठोस मोटर को चार तरल स्ट्रैप-ऑन मोटरों द्वारा संवर्धित किया जाता है।
इंजन | : एस.139 |
ईंधन | : एच.टी.पी.बी. |
अधिकतम प्रणोद | : 4700 kN |
ज्वलन काल | : 100 से. |

स्ट्रैप-ऑन मोटर
जी.एस.एल.वी. में प्रयुक्त चार तरल इंजन पी.एस.एल.वी. के दूसरे चरण पी.एस.-2 का भारी रूपांतर है। इन चारों मोटरों में विकास इंजन का प्रयोग किया जाता है।
ईंधन | : UDMH + N2O4 |
अधिकतम प्रणोद | : 680 kN |
ज्वलन काल | : 160 से. |
आज तक जी.एस.एस.वी. प्रमोचन
SN | शीर्षक | Launch Date | Launcher Type | Orbit | Payload | Remarks |
---|---|---|---|---|---|---|
13 | जी.एस.एल.वी.-एफ11/जीसैट-7ए मिशन | दिसम्बर 19, 2018 | GSLV | GSAT-7A | ||
12 | जी.एस.एल.वी.-एफ08/जीसैट-6ए मिशन | मार्च 28, 2018 | GSLV | |||
11 | जीएसएलवी-एफ 09 / जीसैट -9 | मई 05, 2017 | GSLV | GSO | GSAT-9 | |
10 | जी.एस.एल.वी.-एफ.05/इन्सै्ट-3डी.आर. | सितंबर 08, 2016 | GSLV-MK-II | GTO | INSAT-3DR | |
9 | जीएसएलवी-डी6 | अगस्त 27, 2015 | GSLV-MK-II | GTO | GSAT-6 | |
8 | जीएसएलवी-डी5 / जीसैट -14 | जनवरी 05, 2014 | GSLV-MK-II | GTO | GSAT-14 | |
7 | जीएसएलवी-एफ़06 | दिसम्बर 25, 2010 | GSLV-MK-II | GSAT-5P | ||
6 | जीएसएलवी-डी3 | अप्रैल 15, 2010 | GSLV-MK-II | GSAT-4 | ||
5 | जीएसएलवी-एफ़04 | सितंबर 02, 2007 | GSLV-MK-II | INSAT-4CR | ||
4 | जीएसएलवी-F02 / इन्सैट- 4 सी | जुलाई 10, 2006 | GSLV-MK-II | GTO | INSAT-4C | |
3 | जीएसएलवी - एफ़01 | सितंबर 20, 2004 | GSLV-MK-II | EDUSAT | ||
2 | जीएसएलवी - डी2 | मई 08, 2003 | GSLV-MK-II | GSAT-2 | ||
1 | जीएसएलवी - डी1 | अप्रैल 18, 2001 | GSLV-MK-II | GSAT-1 |