जीसैट-16
इन्सैट-जीसैट प्रणाली में शामिल जीसैट-16 उन्नत संचार उपग्रह है जिसका उत्थापन के समय दृव्यमान 3181.6 कि.ग्रा. था। जीसैट-16 को कुल 48 संचार प्रेषानुकरों को वाहित करने के लिए संरूपित किया गया, यह इसरो द्वारा अब तक विकसित उपग्रहों में लगे सामान्य सी-बैंड, उच्च विस्तारित सी-बैंड. तथा कू-बैंड प्रेषानुकरों की सर्वाधिक संख्या है। भू-एन्टेनाओं को उपग्रह की दिशा में अचूक इंगित करने के लिए जीसैट-16 में एक कू-बैंड बीकन भी लगा है।
जीसैट-16 का कक्षा में निर्दिष्ट प्रचालन जीवनकान 12 वर्ष है। जीसैट-16 पर लगे प्रेषानुकर मिलकर इन्सैट-जीसैट प्रणाली द्वारा उपलब्ध कराई जा रही विविध सेवाओं की निरंतरता सुनिश्चित करने के अलावा किसी आकस्मिक आवश्यक्ता के लिए अतिरिक्त प्रेषानुकर का कार्य अथवा इन सेवाओं में वृद्धि करते हैं।
कोरू, फैंच गुआना से जीसैट-16 को एरियन-5 वीए-221 द्वारा जीसैट-16 को भू-तुल्यकाली अन्तरण कक्षा (जीटीओ) में प्रक्षेपित किया गया। भू-तुल्यकाली अन्तरण कक्षा (जीटीओ) में अंतःक्षेपण के पश्चात हासन स्थित मास्टर नियंत्रण सुविधा (एमसीएफ) द्वारा उपग्रह का नियंत्रण लिया गया और उसमें लगी तरल अपोजी मोटर (एलएएम) का प्रयोग कर कक्षा वृद्धि के लिए आरंभिक युक्ति संचालन कर उसे वृत्ताकार भू-तुल्यकाली कक्षा के निकट स्थापित किया गया। तत्पश्चात सौर पैनल, एन्टेना जैसे संलग्न घटकों को प्रस्तारित कर उपग्रह का त्रि-अक्षीय स्थिरीकरण किया गया। जीसैट-16 को 55 डिग्री पूर्व देशांतर पर भू-तुल्यकाली कक्षा में जीसैट-8, आईआरएनएसएस-1ए तथा आईआरएनएसएस-1बी के साथ अवस्थित किया गया है।
जीसैट-16 में लगे नीतभार
- भारतीय मुख्य भूमि तथा अंडमान एवं निकोबार द्वीप समूह को आवृत्त करने के लिए 36 मेगाहर्टज प्रयोज्य बैंडविस्तार क्षमतायुक्त 12 कू-बैंड प्रेषानुकर
- भारतीय मुख्य भूमि तथा द्वीप समूहों को आवृत्त करने के लिए 36 मेगाहर्टज प्रयोज्य बैंडविस्तार क्षमतायुक्त 24 सी-बैंड प्रेषानुकर
- भारतीय मुख्य भूमि तथा द्वीप समूहों को आवृत्त करने के लिए 36 मेगाहर्टज प्रयोज्य बैंडविस्तार क्षमतायुक्त 12 उपरि-विस्तारित सी-बैंड प्रेषानुकर