आई.आर.एन.एस.एस.-1एफ
आई.आर.एन.एस.एस.-1एफ, अंतरिक्ष खंड गठित करती भारतीय प्रादेशिक नौवहन उपग्रह प्रणाली (आई.आर.एन.एस.एस.) के सात उपग्रहों में से छठा उपग्रह है। इसके पूर्वगामी आई.आर.एन.एस.एस.-1ए, 1बी, 1सी, 1डी एवं 1ई को क्रमश: पी.एस.एल.वी.-सी22, पी.एस.एल.वी.-सी24, पी.एस.एल.वी.-सी26, पी.एस.एल.वी.-सी27 एवं पी.एस.एल.वी.-सी31 द्वारा जुलाई 2013, अप्रैल 2014, अक्तूबर 2014, मार्च 2015 तथा जनवरी 2016 में सफलतापूर्वक प्रमोचित किया गया था। पाँचों उपग्रह अपने-अपने निर्धारित कक्षीय स्थान से संतोषजनक कार्य कर रहे हैं।
आई.आर.एन.एस.एस.-1एफ का उत्थापन भार 1425 कि.ग्रा. है। आई.आर.एन.एस.एस.-1एफ का संरूपण आई.आर.एन.एस.एस.-1ए, 1बी, 1सी, 1डी तथा 1ई के समान है। आई.आर.एन.एस.एस.-1एफ के दो सौर व्यूह जो परा त्रिसंधि सौर सेलों से युक्त हैं, लगभग 1660 वाट की विद्युत शक्ति उत्पादित करते हैं। सूर्य व तारा संवेदक तथा जाइरोस्कोप उपग्रह के लिए अभिविन्यास संदर्भ प्रदान करते हैं। परमाणु घड़ी जैसे कुछ क्रांतिक घटकों के लिए विशेष तापीय नियंत्रण स्कीमें डिजाइन व क्रियान्वित की गई हैं। आई.आर.एन.एस.एस.-1एफ की अभिवृत्ति एवं कक्षा नियंत्रण प्रणाली (ए.ओ.सी.एस.) प्रतिक्रिया चक्रों, चुंबकीय आघूर्णों तथा प्रणोदकों की सहायता से उपग्रह का अभिविन्यास बनाये रखती है।
आई.आर.एन.एस.एस.-1एफ दो प्रकार के नीतभारों - नौवहन नीतभार एवं परासन नीतभार का वहन करता है। आई.आर.एन.एस.एस-1एफ का नौवहन नीतभार नौवहनीय सेवा संकेत प्रयोक्ताओं को संप्रेषित करेगा। यह नीतभार एल.5 एवं एस बैण्ड में प्रचालन करेगा। एक अत्यंत परिशुद्ध रुबीडियम परमाणु घड़ी इस उपग्रह के नौवहन नीतभार का हिस्सा है। परासन नीतभार सी-बैण्ड प्रेषानुकर से युक्त है, जो उपग्रह की रेंज का सही निर्धारण करने में सहायक होता है।
आई.आर.एन.एस.एस.-1एफ को पी.एस.एल.वी.-सी32 द्वारा सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र (एस.डी.एस.सी.) शार, श्रीहरिकोटा से 10 मार्च, 2016 को 16:01 बजे (भा.मा.स.) उप-भूतुल्यकाली अंतरण कक्षा (उप जी.टी.ओ.) में प्रमोचित किया गया।